Sachin Tendulkar and Brad Hogge Autograph story: आज की स्टोरी में हम आपको उसे कहानी का जिक्र करेंगे जब यह मैच 5 अक्टूबर 2007 को हैदराबाद में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीन वनडे मैचों की सीरीज का आखिरी मैच खेला गया था जिसमें सचिन और गंभीर पारी की शुरुआत किया था।
मैच में सचिन तेंदुलकर को ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज ब्रैड हाग ने बोल्ड कर दिया और मुस्कुराते हुए सचिन के पास पहुंचे, स्लेजिंग के अंदाज में। टीम इंडिया को जीत के लिए 291 रनों का लक्ष्य मिला था इस मैच में युवराज सिंह ने शानदार बैटिंग करते हुए शतक लगाया था इसके बावजूद टीम इंडिया मैच 47 रनों से हार गई ।
मैच खत्म हो गया और फिर ब्रैड हॉग सचिन के पास उनका ऑटोग्राफ लेने पहुंचे और फिर सचिन ने उसे ऑटोग्राफ में क्या लिख दिया जो कि बहुत फेमस हो गया। उन्होंने लिखा ” यह फिर कभी दुबारा नहीं होगा हॉग।”
यह लिखना तो आसान था लेकिन निभाना कठिन ।
बस फिर क्या था उसके बाद से ब्रेड हॉग कभी भी सचिन को आउट नहीं कर पाए लेकिन इसके पीछे सचिन की कड़ी मेहनत प्रैक्टिस का बहुत बड़ा योगदान रहा ।
कहते हैं कि सचिन तेंदुलकर जिस चीज को एक बार ठान लेते थे उसको पूरा करके ही छोड़ते थे बस इस बात को सचिन ने दिल पर ले लिया और पूरे करियर में कभी ब्रेड हॉग उनका विकेट नहीं ले सके। बस फिर क्या था सचिन के उसे ऑटोग्राफ की चर्चा होने लगी और यह आज भी दुनिया के सबसे फेमस ऑटोग्राफ में से एक है।
सचिन रमेश तेंडुलकर का जन्म 24 अप्रैल 1973 को मुंबई में हुआ था।सचिन क्रिकेट के इतिहास में विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ में माने जाते हैं। सचिन तेंदुलकर के नाम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा मैन ऑफ द मैच अवार्ड जीतने का रिकॉर्ड दर्ज है ।
वहीं सचिन तेंदुलकर राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित होने वाले पहले क्रिकेट खिलाड़ी हैं । सचिन राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं । सचिन वनडे और टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले बल्लेबाज हैं । सचिन ने 6 वर्ल्ड कप संस्करण में हिस्सा लिया 2011 विश्व कप चैंपियन भारतीय टीम का वह हिस्सा रहे हैं ।
2013 में सचिन तेंदुलकर को विजडन क्रिकेटर के अल्मनाइक की 150वीं वर्षगांठ को चिन्हित करने के लिए नामित किया गया था। सचिन ने नवंबर 2013 में क्रिकेट के सभी प्रारूप से संन्यास ले लिया। सचिन तेंदुलकर पर एक बायोपिक फिल्म ‘ सचिन ए बिलीयन ड्रीम्स’ बनाई जा चुकी है।
भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित होने वाले वह सर्वप्रथम खिलाड़ी और सबसे कम उम्र के व्यक्ति हैं।